अगर वो प्यार कर लेती,
मेरा दामन पकड़ लेती,
तो जीवन में फ़क़त उससे
मोहब्बत फ़र्ज़ हो जाती,
मोहब्बत क़र्ज़ हो जाती,
मगर....
अच्छा किया उसने
मुझे समझा के चल निकली,
मुझे ठुकरा के चल निकली,
बहुत नादान सी है वो,
अभी अनजान सी है वो,
कहाँ मालूम है उसको,
मोहब्बत ज़िन्दगी में बस,
फ़क़त इक बार मिलती है,
अगर ठुकरा के चल निकलें,
तो उम्र बीत जाती हैं,
मोहब्बत की तमन्ना में,
मगर.....
हर एक रास्ते पे,
सिर्फ रुसवाई मिलती है,
फ़क़त तन्हाई मिलती है..