मेरे सुकून को लौटा दे कोई,
इन लरजते होंठो से मुस्कुरा दे कोई,
बहुत दर्द समां रखा इस सीने में,
दवा बनकर इस दर्द को मिटा दे कोई,
मुझे भी मुस्कुराने की तमन्ना है बहुत,
इस ग़म के समुन्दर में खुशियाँ ला दे कोई,
तन्हा चलते-चलते अब थक गया हूँ मैं,
सफ़र के इस तन्हाई को आकर मिटा दे कोई,
जीने के लिए मेरे पास यादों के सिवा कुछ नहीं,
मरने के लिए अपनी मोहब्बत का सहारा दे दे कोई......
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