काफी अरसा बीत गया जाने अब वो कैसी होगी,
वक़्त की सारी कड़वी बातें चुप-चाप सहती होगी,
अब भी भीगी बारिश में वो बिन छतरी के चलती होगी,
मुझसे बिछड़े अरसा बीता अब वो किस से लड़ती होगी,
अच्छा था जो साथ ही रहते बाद में उसने सोचा होगा,
अपने दिल की सारी बातें खुद से खुद ही कहती होगी
शुक्रिया
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद्
बहुत ही अच्छी लाईन है यह ...आप और अच्छे से तरक्की करो यही हमारी शुभ कामनाये है '
ReplyDeleteएक टूटे हुए दिल की आवाज़ मुझे कहिये, सुर जिसमें है सब ग़म के वो साज़ मुझे कहिये, मैं कौन हूँ और क्या हूँ किसके लिए जिंदा हूँ, मैं खुद भी नहीं समझा वो राज़ मुझे कहिये !!!