Thursday, October 21, 2010

दिल के हर दर्द की दवा ना ढूंढिए.......

दिल के हर दर्द की दवा ना ढूंढिए,
दिल के हर दर्द को हवा ना दीजिये,
ऐसे किसी खास दर्द के संग-संग,
क्यों ना जीना सीख लीजिये |

कुछ सवालों का कोई जवाब नहीं होता,
कुछ का जवाब ढूंढना अच्छा नहीं होता,
या उनके ज़िक्र से कोई फायदा नहीं होता,
इसलिए मन की गहराईयों  से उन्हें उतरने दीजिये,
दिल के हर दर्द की दवा ना ढूंढिए |

दिल की बात ना कहना बड़ा कठिन है,
बावले दिल पर भरोसा भी कठिन है,
आँखों में उभरे आंसू छिपाना कठिन है,
अपनों के लिए दर्द सहना भी कठिन है,
किन्तु क्या करें ?
शिकायत कहाँ, किससे, कितनी कीजिये ?
दिल के हर दर्द दवा ना ढूंढिए |

उम्मीद करते रहें कभी तो वो दिन आएगा,
मन में समेटे अंधेरों का समय मिटाएगा,
सूखे आंसुओं की लकीरें वो पोंछेगा,
और हवा की तरह उड़ना सिखाएगा,
तब ज़िन्दगी के हाथो ज़िन्दगी सौंप दीजिये,
दिल के हर दर्द की दवा ना ढूंढिए |

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