Saturday, November 6, 2010

अज़ीयत से मुझको भुलाया होगा.....

कितनी अज़ीयत से उसने मुझको भुलाया होगा,
मेरी यादों ने उसको ख़ूब रुलाया होगा,
बात बे बात यूंही आँख जो उसकी भरी होगी,
उसने चेहरे को बाजुओं में छुपाया होगा,
सोचा होगा उसने दिन में कई बार मुझको,
नाम रेत पर लिख कर मेरा मिटाया होगा,
जहाँ मेरा ज़िक्र सुना होगा उसने किसी से,
उसकी आँखों में आंसू तो आया होगा,
होके निढाल मेरी यादों से तुने जाना,
मेरी तस्वीर पर सर टिकाया होगा,
रात के भीगने तक नींद नहीं आई होगी तुझे,
पूछा होगा जो किसी ने तेरी हालत का सबब,
तुने बातों में उसे ख़ूब छुपाया होगा |

4 comments:

  1. कितनी अज़ीयत से उसने मुझको भुलाया होगा,
    मेरी यादों ने उसको ख़ूब रुलाया होगा,
    खुबसूरत शेर बधाई

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  2. अच्छी रचना.
    दीपावली की शुभकामनाएं.

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  3. शुक्रिया सुनील जी...

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  4. शुक्रिया शाहिद जी.....

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