अगर वो मेहरबाँ होती तो मेरी आँखें ना झिलमिल होती,
ना मेरे दिल की वादी में खिज़ां का काफ़िला रुकता,
अगर वो मेहरबाँ होती,मेरी बेनूर आँखों में सितारे कैद कर देती,
मेरी ज़ख़्मी हथेली पर वो एक फूल रख़ देती,
मेरे हाथों को अपने हाथों में लेकर,
वो ये कहती......
मोहब्बत रौशनी है,रंग है,खुशबू है,सितारा है,
कसम मुझको मोहब्बत की मुझे तू सबसे प्यारा है,
मगर ऐसा वो तब कहती अगर वो मेहरबाँ होती |
बहुत खूब
ReplyDeleteआपको भारत के महापर्व दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDeletegood post .diwaali ki badhai.
ReplyDeleteबहुत अच्छी पोस्ट,
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ|
अच्छा आग़ाज़ है...मुबारकबाद.
ReplyDeleteयहां भी आएं
ReplyDeletehttp://shahidmirza.blogspot.com/
pyar bhari pyari kavita
ReplyDeleteदीपावली का त्यौहार आप, सभी मित्र जनो को परिवार को एवम् मित्रो को सुख,खुशी,सफलता एवम स्वस्थता का योग प्रदान करे -
ReplyDeleteइसी शुभकामनओ के साथ हार्दिक बधाई।
शुक्रिया दोस्तों.....
ReplyDeleteआशा करता हूँ की आपको मेरी रचनायें पसंद आती होंगी
यदि कोई त्रुटी हो तो हाथ जोड़ के आप सभी से माफ़ी मांगता हूँ |