Thursday, September 23, 2010

दोस्ती करने का शौक.....

क्या खबर थी,मार देगा ज़िन्दगी करने का शौक,
मुझको तनहा कर गया है दोस्ती करने का शौक,
वो  मेरी औकात जुगनू के बराबर भी नहीं,
पर है सूरज से ज्यादा रोशनी करने का शौक,
जब से चूमा है जबीं ने आप की दहलीज़ को,
मेरे दिल में भर गया है बंदगी करने का शौक,
जाने किस बरसात की मकरूज़ हैं आँखें मेरी,
हो गया है बारिशों की पैरवी करने का शौक....

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