दिल की बात शायरी के साथ ♥♥
रूठा तुझसे तो इस अंदाज़ से रूठुंगा, तेरे शहर की मिट्टी भी मेरे वजूद को तरसेगी !!!!!!!!
Thursday, September 23, 2010
मेरे हक में दुआ नही करते........
दर्द उठता है मगर आंह नही करते,
कौन कहता है के हम वफ़ा नहीं करते,
आखिर क्यूँ नहीं बदलती तकदीर मेरी,
क्या मेरे दोस्त मेरे हक में दुआ नही करते |
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